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कोटमल देवता
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जनपद बिजनौर के ग्राम कोटकादर का प्राचीन कल्याण मल देवता मंदिर लाखों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक बना हुआ है """""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" नजीबाबाद के निकट कोटकादर कोई छोटा मोटा गाँव नहीं है यह बहुत बड़ा गांव है बिलकुल जैसे कोई कस्बा। कोटकादर कल्याण मल देवता के लिए प्रसिद्ध है। हर साल जून महीने में लाखो लोग इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। कोटकादर में मुस्लिमों की आबादी बहुत अधिक है। लगभग 70% प्रतिशत मुसलमान और 30 प्रतिशत हिंदू लेकिन यहा दोनो वर्ग एक दूसरे से मिलझुल कर रहते हैं। नजीबाबाद से 15 किमी दूर स्थित ग्राम कोटकादर में आषाढ़ मास के प्रत्येक रविवार को लगने वाला कोटदेवता मेला हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है सावन के पहले रविवार को भी कोटमेले में श्रद्धालु उमड़ते हैं लेकिन आषाढ़ मास के अंतिम रविवार को लगने
बिजनौर के गांधी लाला ठाकुर दास जी
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बिजनौर के गांधी लाला ठाकुर दास जी जिले के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी,समाज सुधारक, अछूतों का उद्धार करने वाले हल्दौर निवासी लाला ठाकुर दास जी का नाम हमेशा स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। 1_आपका जन्म 23 फरवरी 1875 को एक संभ्रांत परिवार में हुआ।आप उर्दू,फारसी,मुंडिया,अंग्रेजी तथा संस्कृत के ज्ञाता थे, गणित में अभिरुचि होने से ज्योतिष का भी ज्ञान प्राप्त किया था। 2_1911 ई में हरिजन पतितोद्धारिणी पाठशाला की स्थापना की ,जो अब जिले की प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्था सी डी इंटर कॉलेज के रूप में विद्यमान है। 3_लालाजी ने अपने ही परिवार से विधवा विवाह का सूत्रपात किया। परिजनों ने लालाजी का डटकर विरोध किया,पर लालाजी डिगे नहीं। 4_1913ईस्वी में बेगार रसद प्रथा की उन्मूलन में सफल आंदोलन किया। 1914 ब्रिटिश शासन की तानाशाही और जर्मन युद्ध के कारण बेगार रसद आंदोलन कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया,1919 में इसे पुनः नए जोश से प्रारंभ किया गया। 5_1916 में जिले में कांग्रेस की स्थापना के समय ही लालाजी ने सदस्यता लेकर कांग्रेस की आधार शिला रखी। 6_1918ईस्वी में रौलट एक्ट के विरुद्ध आंदोलन किया। 7_। 1921 में ज