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बिजनौर से लुप्त हो गया भेड़िया

जंगलों का कटना रहा सबसे बड़ कारण बिजनौर। दो दशक पहले जिले के हर गांव में आए दिन भेड़िया आने का शोर मचता था। भेड़िया किसी न किसी बच्चे को उठाकर ले जाता था, लेकिन अब भेड़िया बिजनौर जनपद से लुप्त हो गया है। वन विभाग इसका कारण बढ़ते शोरगुल को मानता है। बिजनौर जनपद के लोगों के लिए भेड़िया अब कहानियों में ही रह गया है। गांवों में बुजुर्ग अपने बच्चों को भेड़िये की कहानियां ही सुनाते है। दो दशक पहले तक जनपद में किसी न किसी गांव में भेड़िया आया ,भेड़िया आया का खूब शोर मचता था। लोग भेड़िये से अपने बच्चे की हिफाजत करने को रात जागकर काटते थे। फिर भी कही न कही से भेड़िया छोटे बच्चों को उठाकर ले ही जाता था। मगर भेड़ये आने की घटनाएं दो दशक पहले की ही हैं। कोतवाली शहर के गांव सालमाबाद भरेरा निवासी शौपाल सिंह कहते है उनकी याद में करीब 38 साल पहले गांव में भेड़िया आया था, जो उनकी छोटी बहन को उठाकर ले गया था। उसके बाद से आज तक गांव में तो क्या जनपद में दूर दूर तक भेड़िया आने की बात नहीं सुनी। वे मानते है कि पहले बहुत जंगल थे। जंगल खत्म होने से यह जानवर जनपद से लुप्त हो गया है। उप प्रभागीय वनाधिका