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Showing posts from August, 2010

अनदेखी से लोग आहत

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आधी टूटी है स्मारक पर शहीद परवीन की प्रतिमा अवकाश भी नहीं किया बिजनौर। आजादी के बाद से यहां हर साल 16 अगस्त को शहीद मेला लगता है और परिषदीय विद्यालयों में अवकाश रहता है। इस बार इस मेले का बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी भुला बैठे और उन्होंने इस अवसर पर अवकाश करना गंवारा नहीं किया। शहीदों की दुर्गति-एक : खस्ताहाल में है नूरपुर का शहीद स्मारक स्मारक स्थल पर चरती हैं बकरियां, हर तरफ गंदगी स् अशोक मधुप नूरपुर। 16 अगस्त 1942 को नूरपुर थाने पर तिरंगा झंडा फहराते हुए ब्रिटिश पुलिस की गोली से शहीद हुए गांव गुनियाखेड़ी निवासी परवीन सिंह की याद में नूरपुर थाने के सामने बना शहीद स्थल प्रशासनिक उपेक्षा के चलते बदहाल हो चुका है। आलम यह है कि शहीद स्तंभ के ऊपर लगी शहीद परवीन सिंह की प्रतिमा का एक हिस्सा टूट चुका है। शहीद स्थल प्रांगण में उगी लंबी घास और इसके चारों ओर लगे गंदगी के ढेर शहीद स्थल की बदहाली की कहानी बयां कर रहे हैं। आजादी के आंदोलन में नूरपुर क्षेत्र के लोगों का भी योगदान रहा है। 16 अगस्त सन 1942 में नूरपुर थाने पर भीड़ द्वारा तिरंगा झंडा फहराने के प्रयास पर ब्रिटिश पुलिस द्वारा गोली चला