दुनिया के जूनियर आर्टिस्ट पी.के. साईल
28 जनवरी। पुण्यतिथि है दुनिया के जूनियर आर्टिस्ट पी.के. साईल डा. वीरेंद्र स्योहारा। फिल्म इंडस्ट्रीज के ट्रेजिडी किंग दिलीप कुमार की फिल्म मेला में ये जिंदगी के मेले दुनिया में कम न होंगे, अफसोस हम न होंगे-गाना जिस फकीर पर फिल्माया गया वो आज भी लोगो की याद में जिंदा है। लेकिन शायद ही किसी को मालूम हो कि इस फकीर की एङ्क्षक्टग करने वाला कलाकार स्योहारा का था। नाम था महमूद। बचपन में मां -बाप का साया सर से हट जाने के बाद महमूद ११ वर्ष की उम्र में पूना चले गये ।यहां पेट की आग रंगमंच तक ले आई। कुछ वर्षों तक उस समय के प्रसिद्ध कव्वाल बाबू भाई की कम्पनी में सहायक कव्वाल के रूप में काम कर अलग पहचान बनाई। कम्पनी का मुम्बई में प्रोग्राम होने पर महमूद को मुम्बई इतनी पसंद आई की ये वहीं रम गये। उस समय बन रही साईलैंस फिल्मों में काम किया। जब बोलती फिल्म आनी शुरू हुई। पहली बोलती फिल्म आलम आरा में महमूद ने काम किया। उसी समय उन्होंने अपना नाम पी.के. साईल रख लिया था। जूनियर आर्टिस्ट एसोसिएशन के सदस्य बन चुके थे। उन्होंने मुम्बई में ही एक मुस्लिम महाराष्टन से शादी कर ली। उनके एक बेटी और एक बेटा पैदा ह