प्रदर्शनी में एक साल आए थे हवाई जहाज
यादें प्रदर्शनी प्रदर्शनी में एक साल आए थे हवाई जहाज अशोक मधुप जिला कृषि और औद्योगिक प्रदर्शनी आज भले ही ज्यादा भीड न जुटा पा रही हो। एक जमाना था कि पूरे जनपद से दर्शक इसे देखने के लिए आते थे। बिजनौर के आसपास के दर्शक बैलगाड़ी आदि से प्रदर्शनी में आते थे। ये प्राय : पूरी रात रूकते और सवेरे वापस लौटते। नजीबाबाद और चांदपुर साइड से शाम को ट्रेन आती थीं। नजीबाबाद और चांदपुर साइड के यात्री इन्हीं ट्रेन से आते। हालत यह होती थी कि प्रदर्शनी के दौरान इस ट्रेन में जगह नहीं मिलती थी। यात्री छतों और डिब्बों के जोड़ तक पर बैठकर आते थे। कई बार तो ट्रेन के इंजिन के आगे भी यात्री बैठे और खड़े होते थे। पहले प्रदर्शनी मई - जून में लगती थी। प्राय : मई में परीक्षा होने के बाद छात्र खाली हो जाते थे। उनका काम खेलना कूदना और नाना - नानी के घर जाकर उछलकूद करना होता था। ये समय मनोरंजन के लिए बहुत ही उपयुक्त होता। प्रदर्शनी में खूब