बाहरी नेता जिले की सियासी पिच पर खूब चमके

 बाहरी नेता जिले की सियासी पिच पर खूब चमके

मायावती ने बिजनौर से शुरू कर अपनी सियासी पारी

बिजनौर 10 दिसंबर

जिले की सियासी पिच पर बाहरी नेता खूब चले ।इन नेताओं ने अपनी राजनीति की शुरूआत भी बिजनौर से की। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीराकुमार व पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने बिजनौर से चुनाव लड़ा बसपा नेत्री मायावती की राजनीति में पहचान बिजनौर से हुई ।

वैसे तो जिले की सियासत में खूब उथल पुथल चलती रही। नेता चमकते व बिखरते रहे । एक जमाने में जिले की सियासत में पूर्व मंत्री कुंवर सत्यवीर ,चंद्रावती, गोविंद सहाय, हाफिज मोहम्मद इब्राहीम व कुंवर देवेंद्र सिंह का खूब सिक्का चलता था। इन घरानों का सियासत में पूरा दखल था। ‌ जिले की सियासत में इन घरानों के बिना एक भी पत्ता नहीं हिलता था। हाफिज मोहम्मद इब्राहीम पंडित जवाहर लाल की सरकार में मंत्री रहे । बाद में उत्तर प्रदेश के गर्वनर बने। उनके बेट पूर्व मंत्री अजीजुर्रहमान का जिले की राजनीति में खूब सिक्का चला। कांग्रेस के वे जिले के स्तंभ कहालाने लगे। अजीजुर्रहमान के अलावा गोविंद सहाय व कांति कुमार भी प्रदेश सरकार में मंत्री बने । 1980 के लोकसभा चुनाव में बिजनौर सीट से मंगलराम प्रेमी सांसद बने। 1984 के चुनाव में कांग्रेस के गिरधारी लाल चुनाव जीतकर सांसद बने।

गिरधारी लाल का निधन होने पर बिजनौर सीट पर 1985 में उपचुनाव हुआ। इस चुनाव में बसपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपनी सियासी पारी शुरू की। लोकदल से पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, कांग्रेस से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीराकुमार चुनाव लडी। कांटे के चुनाव में मीराकुमार चुनाव जीतकर पहली बार सांसद बनी। मायावती तीसरे स्थान पर रही। 1989 के चुनाव में बिजनौर लोकसभा सीट से ‌मायावती का सितारा चमका वे पहली बार सांसद बनी। इसके देश व प्रदेश की राजनीति में उनकी रूतबा रहा। 1980 में जिले की राजनीति में कांग्रेस का सिक्का चलता था। 1985 के विधानसभा चुनाव में बिजनौर से कांग्रेस के अजीजुर्रहमान , चांदपुर से कुंवर देवेंद्र सिंह व स्योहारा से शौनाथ सिंह विधायक बने। 1991 में हुए चुुनाव में जिले की सातों सीट भाजपा की झोली में गई । कल्याण सिंह की सरकार में जिले से अमर सिंह व महावीर सिंह मंत्री बने। 2002 के चुनाव में भारतेंद्र सिंह व स्वामी ओमवेश मंत्री बने। सपा शासन में मूलंचद चौहान व मनोज पारस भी मंत्री रहे।

शैलेंद्र

अमर उजाला स्थापना दिवस 12 दिसंबर 2002

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