100 साल पुराने पेड़ e

 बिजनौर। जिले में 100 साल पुराने पेड़ों को राष्ट्रीय धरोहर के रूप में सहेजा जाएगा। शासन ने वन विभाग से ऐसे पेड़ों की रिपोर्ट मांगी है। वन विभाग ने भी ऐसे पेड़ों को तलाशना शुरू कर दिया है। चांदपुर के गांव धीमरपुरा में कब्रिस्तान की जमीन में खड़े बरगद के विशालकाय पेड़ का नाम शासन को भेज भी दिया गया है। बाकी पेड़ों को चिह्नित किया जा रहा है।


हरियाली बढ़ाकर ही ग्लोबल वार्मिंग जैसे खतरे से निपटा जा सकता है। इसके लिए वन विभाग का पौधरोपण पर बहुत जोर है। इस साल सूबे में वन विभाग द्वारा रिकॉर्ड 22 करोड़ पौधे लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिन पहले 100 साल से अधिक पुराने पेड़ों को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की बात कही थी। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद से शासन में बैठे अफसर हरकत में आ गए हैं। हर जिले में खड़े पुराने वृक्षों को चिह्नित करने के आदेश दिए गए हैं। इस पर वन विभाग ने चांदपुर के गांव धीमरपुरा में खड़े बरगद के पेड़ का नाम शासन को भेज भी दिया है। यह पेड़ कितना पुराना है, इसके बारे में किसी को नहीं पता है। इस पेड़ के अलावा वन विभाग बाकी पेड़ों को भी चिह्नित करने में जुट गया है। पेड़ों के तनों की मोटाई, ऊंचाई आदि के आधार पर व आसपास के लोगों से बात करके पेड़ों की आयु का पता लगाया जाएगा। इसके बाद इन पेड़ों को राष्ट्रीय धरोहर के रूप में चिह्नित किया जाएगा।


तीन बीघा में फैला है बरगद

गांव धीमपुरा में खड़ा बरगद का पेड़ करीब तीन बीघा जमीन में फैला है। शाखा से लटकने वाले इस पेड़ की शाखाएं जमीन पर जाकर जड़ के रूप में विकसित हो चुकी हैं। शाखा पुरानी होकर पेड़ से टूट गईं, लेकिन जहां से नस्से जड़ के रूप में विकसित हुए थे, वे नए पेड़ के रूप में चल रहे हैं।

प्रदूषण को खत्म कर देते हैं पेड़-पौधे

एक व्यक्ति द्वारा कार-बाइक चलाने, एसी, फ्रिज आदि का प्रयोग करने तथा अन्य कारणों से पर्यावरण प्रदूषण किया जाता है। मनुष्य द्वारा कार्बन डाई आक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड, सल्फर डाई आक्साइड, नाइट्रोजन डाई आक्साइड आदि का उत्सर्जन होता है। एक व्यक्ति अपने 60 साल तक के जीवन में जितना पर्यावरण प्रदूषित करता है उसे एक पेड़ 30 साल की आयु तक खत्म कर देता है।

बताया जाएगा महत्व

डीएफओ डा. एम सेम्मारन के मुताबिक पुराने पेड़ों को चिह्नित किया जा रहा है। इन्हें संरक्षित किया जाएगा। आसपास के लोगों को भी इन पेड़ों का महत्व बताया जाएगा।

 17 Sep 2019 Amar Ujala 

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