श्री गुरुनानक बाग साहिब हल्दौर

 हल्दौर नगर में करीब 500 साल पहले सिखाें के प्रथम गुरु नानक देव जी ने पंहुच कर धर्म का प्रचार किया था।हल्दौर मे स्थापित ऐतहासिक श्री गुरुनानक बाग साहिब में स्थापित गद्दी पर देश −विदेश के श्रद्धालुआें के पहुंचने का सिलसिला विगत दस वर्षों से निरंतर जारी है।

            हल्दौर में स्थापित गुरुद्वारा श्री गुरुनानक बाग साहिब के अध्यक्ष सतवेंद्र  सिंह ने बताया कि सन 1602 ईसवी में श्री गुरुनानक देव जी ने हल्दौर की पवित्र नगरी में पहुचकर धर्म का प्रचार किया था।श्री नानक देव जी ने यहां तीन दिन तक प्रवास किया।उनकी प्रसिद्धि सुन हल्दौर रियासत के तत्कालीन राजा कमल नारायण राणा ने हल्दौर के पशुवाड़ा नामक स्थान ,जँहा पहले बाग हुआ करता था ,पहुंचकर उनकी वाणी सुनी ।गुरुनानक देव जी से प्रभावित होकर उसके आसपास की 34 बीघा जमीन गुरुद्वारे को दान कर दी थी।देखरेख न होने के कारण धीरे धीरे आसपास के लोगों द्वारा उक्त जमीन पर कब्जा कर लिया गया।जब ऐतहासिक गर्न्थो में हल्दौर में श्री नानकदेव जी के रुक कर धर्मप्रचार करने की जानकारी मिली तो दिल्ली गुरुद्वारा  प्रबन्ध कमेटी के ब्रह्म  ज्ञानी सन्त बाबा हरवंश सिंह जी ने हल्दौर में कारसेवा कर दस वर्ष पूर्व यंहा गुरुघर का निर्माण कराया।गुरुद्वारा कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि शीघ्र पटियाला,लुधियाना ,दिल्ली व पंजाब आदि की तर्ज पर  हल्दौर को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित कर भव्य गुरुद्वारे के निमार्ण के प्रयास जारी है।सिख संगतों के प्रयास से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हल्दौर को सिखों के धर्मस्थल के रूप में मान्यता देते हुए 50 लाख रुपये की लागत से गुरुद्वारे के सौंदर्यीकरण एवम प्रवेश द्वार आदि बनाने की मंजूरी प्रदान की है। गुरुद्वारे के सौन्दर्यकरण के लिए कमेटी द्वारा गुरुद्वारे के बहार स्थित सोसायटी दफ्तर से जमीन हस्तांतरण के प्रयास किये जा रहे है।

नानक बाग में वैसे तो पूरे वर्ष भर देश विदेश से संगतों के पहुचने का सिलसिला जारी रहता है लेकिन कार्तिक पूर्णिमा पर नानक देव जी के जन्मोत्सव पर यंहा विशेष कार्यक्रमो का आयोजन कर गुरुवाणी का पाठ किया जाता है जिसमे देश के कोने कोने से हजारो की संख्या में पहुची सिक्ख संगत  गुरु वाणी सुन निहाल होती है ।इस दिन यंहा पूरे नगर भर के लिए अटूट लंगर भी बरताया जाता है।प्रत्येक रविवार को भी गुरुनानक बाग साहिब में गुरुवाणी व अट्टू लंगर की व्यवस्था रहती है।

           गुरुद्वारा श्री नानक बाग साहिब के प्रधान जसवेंद्र सिंह भट्टी,उप  प्रधान प्रवेन्द्र सिंह,सेक्रेटरी रिस्क पाल दिगवा  एवम खजांची राजेन्द्र सिंह दिगवा लगातार हल्दौर नगर को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित कराने के लिए प्रयासरत है।मुरादाबाद व लखनऊ की टीमें यंहा  विभिन्न निर्माण कार्यो के  लिए सर्वे कर चुकी है।यूके ,आस्ट्रेलिया कनाडा आदि की संगतों ने यंहा पहुचकर गुरुद्वारे के भव्यकरण में सहयोग की अपील स्थानीय कमेटी से की है।गुरुग्रन्थों में हल्दौर के ऐतिहासिक महत्व वर्णन विस्तार से किया गया है।

               

              विनय मोहन शर्मा 




(यह सामग्री हल्दौर के पत्रकार  श्री विनय मौहन शर्मा जी ने हमें उपलब्ध कराई)

Comments

Popular posts from this blog

बिजनौर है जाहरवीर की ननसाल

नौलखा बाग' खो रहा है अपना मूलस्वरूप..

पारसनाथ का किला