नहटौर
बिजनौर का नहटौर क़रीब अड़सठ हजार की आबादी वाला क़स्बा है सर सैय्यद अहमद खान ने अपने सफरनामे में नहटौर को एक ख़ूबसूरत शहर होने का ज़िक्र किया है दानिश मन्दाने नहटौर जैसे लकब से नवाजा है
नहटौर किसी ज़माने में ये हर तरफ तालाब
गाँगन नदी और पोखरों से घिरा रहता था मगर आज वही गाँगन नही शहर के कचरे गदगी से जूझ रही है।
अपनी रोजनामचा डायरी मे सर सैय्यद अहमद खान ज़िक्र करते हैं ज़माना बरसात का था और गागन कि नदी का पानी चढ़ा हुआ है उस नदी को पार करने में उन्हें ख़ासी दुश्वारियों का सामना करना पड़ा जिस गागन नदी का जिक्र सर सैय्यद अहमद खान ने क्या है
वह नदी अपनी ज़िंदगी के आख़िरी सफर पर है यह अब एक काले पानी का नाला है जिसका पानी इतना ज़हरीला हो चुका है कि खेतों की फसल जला देता है।
काश कभी गागन नदी की भी सुध ले सरकार
‘हमने तो ये एक गंदा नाला ही देखा है। नदी कब थी नहीं मालूम’, सिर खुजाते हुए अशरफ बताते हैं उनका खेत गागन नदी किनारे है इस तरह की बात करने वाले अशरफ अकेले नहीं हैं
हामिद सलमानी पेशे से पत्रकार हैं वो बताते हैं ‘जिन लोगों का जन्म अस्सी के दशक या उसके बाद हुआ है उनके लिए गागन नदी अब एक नाला ही है मगर हमने सुना है कभी इसमें ख़ूब पानी बहता था’
किदवतियाँ हैं अंग्रेज़ों के ज़माने में इस गागन नदी में एक बस गिर गई थी जिस जगह बस गिरी उस जगह पानी इतना गहरा था कि उसे बाहर निकाला न जा सका मगर आज की गागन नदी को देखकर इस कहानी पर किसी को यक़ीन नहीं होगा गागन में अब इतना पानी भी नहीं कि भेड़ या बकरी भी डूब जाए बस तो दूर की बात है।
सड़कों पर बने पुल या पुलिया हमें बताते हैं कि यहां कभी यहा बहुत पानी बहता था
पानी बहना बंद हुआ तो लोगों ने इन नदियों पर अवैध क़ब्ज़े कर लिए अब तो शायद प्रशासन को भी न मालूम हो कि नदी कहां से गुज़रती थी इन नदियों में या तो औद्योगिक कचरा बहता है या इनकी ज़मीन पर अब खेती होती है।
मगर एक बड़ा सवाल है कि यह गागन नदी आख़िर गई कहां कुछ लोग गंग पर बने बांध परियोजनाओं को इन नदियों की मौत का ज़िम्मेदार मानते हैं कुछ इंसान के लालच को कालागढ़ और टिहरी में बांध बनने के बाद गंगा की सहायक नदियां तो छोड़िए ख़ुद गंगा में ही पानी की धारा एक तिहाई भर रह गई है
‘रामगंगा नदी में ही जब पानी एक नाले जितना है तो गागन में पानी का सवाल ही नहीं जल कि अविरल धाराओं पर बांध बनाकर सरकारों ने कृत्रिम संकट पैदा किया है इसका एक मात्र इलाज जल की धारा को बंधन मुक्त करना है।
प्रस्तुति----------तैय्यब अली
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