उत्तर प्रदेश के बिजनौर में चारों वेदों का अंग्रेजी अनुवाद करने वाले देश के जाने माने रसायनविद और आर्य विद्वान डॉ. सत्यप्रकाश (स्वामी सत्यप्रकाश सरस्वती) का जन्म बिजनौर आर्यसमाज के एक कक्ष में हुआ था। उन्होंने जीवन का अधिकांश समय इलाहाबाद विश्वविद्यालय में रसायन-विभाग के अध्यक्ष के रूप में बिताया। सेवानिवृत्ति के बाद वे आर्य संन्यासी हुए। आर्य विद्वान के रूप में अपनी पहचान बनाई। वेदों का अंग्रेजी में अनुवाद किया।
बिजनौर के वरिष्ठ आर्यसमाजी जय नारायण अरुण बताते हैं कि डॉ. सत्यप्रकाश के पिता पंडित गंगा प्रसाद उपाध्याय बिजनौर राजकीय इंटर कॉलेज में अंग्रेजी के शिक्षक थे। वे आर्य समाजी थे। इसीलिए बिजनौर आर्य समाज में बने एक कक्ष में रहते थे। आज यह कक्ष महिला आर्य समाज का भाग है। इसी में 24 सितंबर 1905 को डॉ. सत्यप्रकाश सरस्वती का जन्म हुआ।
पिता के तबादले के बाद इनका परिवार इलाहाबाद चला गया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इनकी शिक्षा हुई। 1930 में ये इलाहाबाद विश्वविद्यालय में रसायन विभाग के प्रवक्ता नियुक्त हुए। 1962 में विभागाध्यक्ष बने। पांच साल बाद 1967 में इस पद से सेवानिवृत्त हुए। इन्होंने 17 देशों की यात्राएं की। डॉ. सत्यप्रकाश सरस्वती का निधन 18 जनवरी 1995 को इनके प्रिय शिष्य पंडित दीनानाथ शास्त्री के आवास पर अमेठी में हुआ।
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