#प्रलंब ठाकुर सुनील कुमार की फेसबुक वाल से


 #प्रलंब का उल्लेख #वाल्मीकि_रामायण में हुआ है। प्रलंब बिजनौर ज़िले का दक्षिण भाग था, क्योंकि इसे मालिनी नदी के दक्षिण में बताया गया है। मालिनी गढ़वाल के पहाड़ों से निकल कर बिजनौर नगर से 6 मील दूर गंगा में #रावलीघाट के निकट मिलती है।

वाल्मीकि रामायण में इस स्थान का वर्णन अयोध्या के दूतों की केकय देश की यात्रा के प्रसंग में है-
न्यन्तेनापरतालस्य प्रलंबस्योत्तरं प्रति, निषेवमाणा जग्मुर्नदी मध्येनमालिनीम्'[1]
प्रलंब के संबंध में मालिनी का उल्लेख होने से इस देश की स्थिति वर्तमान बिजनौर और गढ़वाल ज़िलों के अंतर्गत माननी होगी।
इसके आगे अयोध्या[2] में दूतों द्वारा हस्तिनापुर, ज़िला मेरठ में गंगा को पार करने का उल्लेख है, जिससे उपयुक्त अभिज्ञान की पुष्टि होती है।
प्रलंब से आठ मील दूर मंडावर है, जहाँ मालिनी नदी के तट पर कालिदास के "अभिज्ञान शाकुंतलम" नाटक में वर्णित 'कण्वाश्रम' की स्थिति परंपरा से मानी जाती है।
ईसलिए प्रलंब की स्थिती हो सकती है #दारानगर व #स्याऊ_सैन्द्वार के वीच का स्थान या खुद #स्याऊ_सैन्द्वार भौगोलिक सरंचना की वस्तुस्थिति को देखते हुए ।।
मालिनी को चित्र मे रेखा से दिखाने की कोशिश की है ।।

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