मंडावर कब्र− तैयब अली की फेसबुक वॉल से

 एक रहस्य जो आज तक अनसुलझा है........

जनपद बिजनौर का कस्बा मंडावर जो बौद्ध कालीन नगर माना है यहां चीनी यात्री ह्वेन सांग ने बौद्ध मठ मे छह माह रह कर शिक्षा ग्रहण कि थी
मंडावर के दर्जियो वाले बाग मे एक पुरानी मुग़ल कालीन जैसी बनावट वाली कब्र के बारे मे खोजबीन की मगर इस कब्र के बारे मे कोई नही बता सका कि यह कब्र किस की है तो इस कब्र
से जुड़ा एक रहस्य यह भी है आजतक कोई नही जान सका कि इस कब्र कौन दफन है जो आज तक अनसुलझा है कब्र के ठीक सामने लखौरी ईटो कि ईदगाह है ईदगाह इस्लाम धर्म में उस मस्जिद को कहा जाता है जहाँ केवल ईद की नमाज़ पढ़ी जाती हैं
मडावर मे सुल्तान इल्तुतमिश का आगमन भी हुआ इब्ने बतूता ह्वेन यान जेसे घुमक्कड़ यहा कि धरती पर आए वास्तव मे मंडावर रहस्यों से भरा हुआ है यहा शहर से लेकर जंगल में न जाने ऐसे कितने ही रहस्य हैं जिनके बारे में आज तक कोई नहीं जान पाया है इसी तरह के ना जाने कितने मठ मजार व कब्रे है जहां पर न जाने कितने राज दफन हैं जिन पर से आज तक पर्दा नहीं उठ सका है
यह वही शहर है जहां महारानी विक्टोरिया के उस्ताद नवाब शाहमत अली ने महारानी को फ़ारसी की तालीम दी थी‌ ब्रिटिश सरकार में महारानी विक्टोरिया ने दर्जनो आज के बडे बडे बाग लगवाए थे तथा सैकड़ों बिगहा जमीन दी गयी थी मुंशी शहामत अली अंग्रेज सरकार के रेजीडेंट भी बनाए गये थे महारानी विक्टोरिया ने उन्हें फारसी पढ़ाने के एवज में मंडावर में मुंशी शहामत अली के लिए एक महल भी बनवाया था जो पूरी तरह से यूरोपीएन शैली में बना था अब केवल अवशेष बचे है
यह कब्र किस कि है इसमें किसे दफ़न किया गया है क्या यह अभी भी एक राज ही है या रहेगा सच ही है कि सम्राटों बादशाहों के इतने राज होते हैं जो आज तक अनसुलझे ही हैं बहुत से सम्राट बादशाह राजा राजवाड़े ऐसे भी हैं जिनकी मौत भी एक राज ही है
नोटः उपलब्ध जानकारी के अनुसार मैने इस लेख को तथ्यपरक बनाने का प्रयास किया है यदि आपको इस कब्र के बारे में किसी तथ्य नाम स्थल आदि के बारे में कोई अधिक जानकारी हो या सुधार वांछित लगता है तो अपना सुझाव जरूर दे में यथासंभव इसमें सुधार कर के फिर से आप सभी के सामने तथ्यों सहित प्रस्तुत होने का हर सम्भव प्रयास करुँगा
प्रस्तुति-------------तैय्यब अली
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