नजीबाबाद का पानी का कुआ − तैयब अली की फेसबुक वाँल से

 

नजीबाबाद के नवाब नजीबुद्दौला उर्फ नजीब खान प्रख्यात रोहिल्ला योद्वा द्वारा लगभग सन 1740 मे निर्मित इस पानी के कुएँ के अवशेष आज भी अपने अतीत की याद दिलाते है
रोहिल्ला पठान नवाब नजीबुद्दौला ने जब नजीबाबद शहर की स्थापना की होगी उस समय का यह कुआँ आज भी मौजूद है यह जितना पुराना और गहरा है उतनी ही पुरानी और गहरी इसकी कहानी है।
नजीबाबाद से मालनी नदी के मौजूदा पुल से गुजरने के बाद रास्ते मे यह कुआँ दिखाई पड़ता है इस के बराबर से एक रास्ता देहरादून और सहारनपुर कि ओर जाता है जहा कभी नवाब नजीबुद्दौला ने राज किया था हो सकता हो यह कुआ नवाब साहब कि सफर मे आते जाते समय प्यास भी बुझाता हो इस कुएँ पर आज भी रस्सी के सहारे पानी निकाले जाने के निशान मौजूद है
यह कुआं लखोरी ईंटो से बनाया गया है इसकी गहराई का अनुमान लगाना मुश्किल है नजीबाबाद के कुछ बुजुर्गों से पता चलता है कि कुछ वर्षो पहले तक इस कुएं में अपने आप प्राकृतिक तरीके पानी ऊपर तक आता था जब भी नजीब खान देहरादून या सहारनपुर की ओर जाते थे तो कुछ पल इसी कुएं के पास आराम करने के बाद इस कुए का पानी साथ ले जाते थे
हालांकि इन बातो का कही लिखित प्रमाण नही मिल सका लेकिन यह सत्य है कि यह कुआं 300 साल से भी ज्यादा पुराना होगा कुएं के अंदर लखोरी ईंट इस तरह लगाई गयी हैं कि इसका पानी रिस न सके।
नवाबो के शहर नजीबाबाद मे नवाब नजीबुद्दौला कि अनेको
ऐतिहासिक धरोहरे हैं नजीबाबाद नगर पालिका परिषद या पुरातत्व विभाग द्वारा यहा की एतिहासिक धरोहरो कि लगातार अनदेखी की जारही है सुंदरीकरण के लिए शायद ही कभी एक फुटी कौड़ी भी खर्च की गयी हो नजीबाबाद की अनेको धरोहरो कि अनदेखी के कारण आज यह कुआ किला चारमीनार जैसी अनेको धरोहर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा
ई है अब कुएं को भी चारों ओर से घास ने ढक लिया है कुएं से पानी का प्रयोग बंद होने के कारण कुआ ठप हो चुका है।
आधुनिकता की इस चकाचौंध में हर व्यक्ति अपने अतीत को भूल रहा है तो कभी जल के अहम स्त्रोत वाला यह कुआं आज विकास की दौड़ में अपना अस्तित्व खो चुका है लेकिन आज कुएं या तो पाट दिए गए है या उन पर निर्माण हो चुके है केवल कुएं प्रतीक के रूप में नजर आते है
आज वर्तमान में हर कोई साधन युक्त जिंदगी जीने में विश्वास रखता है प्रत्येक घर में पानी के लिए कुइयां होती थी धीरे धीरे कुएं भी उपयोग से बाहर होते गये कुओं के स्थान पर घर-घर हैंडपंप स्थापित हो गये हैं
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प्रस्तुति--------तैय्यब अली


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