हिंदी पत्रकारिता में धामपुर का योगदान

 हिंदी पत्रकारिता में धामपुर का योगदान

सम्पादकाचार्य पंडित रुद्रदत्त शर्मा की जन्मभूमि, परमहंस बाबा पानपदास जी की कार्य बंद रहा। कर्मस्थली धामपुर को पत्रकारिता, साहित्य कला व रंगमंच की सांस्कृतिक राजधानी कहलाने का गौरव प्राप्त है।

यहां के पं. रुद्रदत्त शर्मा को उनकी पत्रकारिता जगत की सेवाओं के लिए संपादकाचार्य की उपाधि से अलंकृत किया गया। देश की तत्कालीन समाचार पत्र-पत्रिकाओं में शायद ही कोई पत्र ऐसा हो, जिसने पं. रुद्रदत्त शर्मा जी की सेवाएं न प्राप्त की हो। धामपुर की पत्रकारिता का इतिहास हमें सन् 1925 से मिलता है। प्राप्त इतिहास की रोशनी में पता चलता है कि सन् 1921 में मुहल्ला बंदूकचियान में पहली प्रिंटिंग प्रेस मुंशी अब्दुल रहमान ने कय्यूम प्रेस के नाम से शुरू की। इसी प्रेस से सन् 1925 में हिलाले सदाकन नामक मासिक पत्रिका का प्रकाशन शुरू हुआ, जिसके सम्पादक हकीम मुबारक हसन थे। यह पत्रिका सन् 1933 तक ही चली। प्रेस बंद हो गई तो यह प्रक्रिया भी बंद हो गई।

धामपुर की पत्रकारिता का इतिहास बहुत समृद्ध है। सन् 1934 में श्री उमादत्त सनाढ्य ने सुमन नामक पत्रिका शुरू की। यह धामपुर से निकलने वाली प्रथम हिंदी मासिक पत्रिका थी। रानी फुलकुंवारी जी के संरक्षण में प्रकाशित होने वाली यह पत्रिका साप्ताहिक रूप में भी निकली। इसका मुद्रण भी धामपुर में ही उमा प्रेस में होता था। उस समय 60 पृष्ठों वाली यह पत्रिका सन् 1943 तक नियमित प्रकाशित होती रही। यह देश की आजादी के आंदोलन का काल था, जिससे धामपुर भी अछूता नहीं था। सन् 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ों आंदोलन के साथ स्वतंत्रता संग्राम की गतिविधियों व अंग्रेजी शासन की दमनात्मक

जिसका प्रकाशन 1994 तक चलता रहा। सन् 1979 में पं. गौरीशंकर शर्मा 'सुकोमल' ने कालनाग का प्रकाशन संपादन किया। यह दौर धामपुर नगर की पत्रकारिता का सुनहरा काल कहा जा सकता है। सन् 1988 में अजय अग्रवाल, हरिओम अग्रवाल 'ने साप्ताहिक सोने पे सुहागा का प्रकाशन संपादन किया। इसके नगर पालिका विशेषांक का अतिथि संपादन इन पंक्तियों के लेखक ने किया। सन् 1989 में अरुण शर्मा 'अरुण' व श्रीमती पुष्पा वर्मा ने साप्ताहिक अविराम का प्रकाशन किया। प्रधान सम्पादक श्रीवत्स सनाढ्य व सम्पादक हरिकांत शर्मा रहे, जबकि प्रबंध संपादक

कार्रवाई का दौर रहा, जिसमें पत्रकारिता प्रकाशन

स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत 1948 में कुलमणि सिंह ने सोसालिस्ट नाम का साप्ताहिक पत्र निकाला। इसके संपादन मण्डल में यशस्वी पत्रकार बाबू सिंह चौहान भी शामिल थे। समाजवादी विचारधारा का यह पत्र राष्ट्रीय स्तर पर बहुत चर्चित हुआ।

इसी श्रृंखला में सन् 1965 में चरण सिंह सुमन ने संयुक्त धारा का प्रकाशन संपादन शुरू किया। सन् 1967 में ब्रजमोहन चतुर्वेदी ने दीपक नामक साप्ताहिक पत्र शुरू किया। इन्हीं दिनों जेआर शर्मा ने खंडहर साप्ताहिक पत्र निकाला। इन्होंने धामपुर टाइम्स व मासिक पत्रिका विचार पत्रिका का भी संपादन प्रकाशन किया।

सन् 1970 में दिनेश चंद अग्रवाल ने रक्तवीर और राज की बात साप्ताहिक पत्रों को संपादन प्रकाशन शुरू किया। रक्तवीर आज भी मासिक पत्र के रूप में प्रकाशित हो रहा है, जिसमें अब सचिन अग्रवाल प्रबंध संपादक दायित्व निभा रहे हैं। सन् 1970 के आसपास ही राजाराम जी ने जनभेरी, साप्ताहिक पत्र, कौशल कुमार शर्मा ने जनप्रकाश, सुभाष गोयल ने युवा भारत, वैद्य मनोहर लाल शर्मा ने धरती के स्वर और प. जमुना प्रसाद कात्यायन ने युवा हिंद का संपादन- प्रकाशन धामपुर से शुरू किया। सन् 1977 में एक साप्ताहिक पत्र अधिकार भारती का प्रकाशन यहां से हुआ। सन् 1978 में सतेंद्र कुमार जैन ने 'जैन दीपिका' का प्रकाशन सम्पादन किया।

 जिसके पंकज भारद्वाज, महेश शर्मा रहे। कालांतर में गौरीशंकर 'सुकोमल' ने 'सोने पे सुहागा' को सांध्य दैनिक रूप में निकाला। इन्होंने विप्र और संस्कृति मासिक पत्रिका का संपादन प्रकाशन किया, जिसके कई विशेषांक चर्चित हुए। इस कड़ी में यह भी उल्लेखनीय है कि नहटौर से प्रकाशित बिजनौर चर्चा, संपादक वेदप्रकाश पथिक का मुद्रण भी धामपुर से ही होता रहा। डॉ. पंकज भारद्वाज ने जिन्होंने 2010 से बिजनौर मुख्यालय से सांध्य दैनिक पब्लिक इमोशन की शुरूआत की। सन् 2010 में ही इंजीनियर जगदीश चौहान ने मासिक पत्रिका सत्य निकेतन शुरू की। जिसकी परम्परा जारी है। सम्पादक श्रीमती मालती चौहान एवं प्रबंध सम्पादक डॉ. शंकर लाल शर्मा रहे। डॉ. लाल

बहादुर रावल भी एक शोध पत्रिका रुहेलखंड भौगोलिक शोध पत्रिका का प्रकाशन सम्पादन कर रहे हैं। वर्ष 2016 से भी कमाल हुआ महाराज ने एक आध्यात्मिक पत्रिका मानव कल्याण का सम्पादन आरंभ किया है। सन 2017 की शुरूआत में युवा पत्रकार मंगलेश सिंह के सम्पादन व दीपक सिंह के प्रबंध सम्पादन में नगर से सांध्य दैनिक आज का दहकता सूरज का प्रकाशन आरंभ हुआ है।

वर्तमान समय में विभिन्न समाचार पत्रों व संस्थानों के प्रतिनिधि के रूप में सर्वश्री सत्यराज, महेश शर्मा, खुर्शीद अंसारी, खुर्शीद खान, सुशील अग्रवाल, मनोज कात्यायन, अमित शर्मा, सतीश शर्मा, अभिषेक गुप्ता, भूपेंद्र शर्मा सोनू, शाकिर अंसारी, इकबाल अंसारी, फैजान अंसारी, महेंद्र सलूजा, दिनेश प्रजापति, अनिल कश्यप, शहलाज शोबी, विकास पुष्पक, संजीव राजपूत, क्रमशः अनिल शर्मा 'अनिल', सचिन, महताब अंसारी, केशव चौहान, राजकुमार शर्मा, नवचेतन शर्मा, विभूति कांत शर्मा, दिव्य आलोक शर्मा अपना योगदान दे रहे हैं।

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के वर्तमान समय में भी धामपुर पीछे नहीं है। शरद राजवंशी का केबिल नेटवर्क चैनल और यू ट्यूब चैनल अभी तक भी पत्रकारिता में अपना विशेष स्थान बनाये हुए हैं। नगर में स्वतंत्र लेखन करने पत्रकारिता में अपना योगदान देने वालों में डॉ. अनिल शर्मा ' अनिल', दीपेंद्र सिंह चौहान, डॉ. अमित चौहान, यशपाल, तुली, ब्रजेश गोस्वामी आदि का उल्लेख भी प्रासंगिक होगा। इस प्रकार पं. रुद्रदत्त शर्मा की जन्मस्थली धामपुर की धरा पर पत्रकारिता की

-डॉ. अनिल शर्मा 'अनिल'


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