आजादी की लडा़ई में महिलांए
आजादी की लडाई में
बिजनौर की एक दर्जन से ज्यादा महिलांए जेल गईं।
इनमें धामपुर क्षेत्र की सात
महिलांए ने जेल की सजा काटी/।सूचना विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा प्रकाशित स्वत्रंतता
संग्राम के सैनिक बिजनौर के अनुसार धामपुर की रामनिवास जी की पत्नी अंगूरी देवी ने
छह माह की कैद और पांच सौ रूपये जुर्माने की सजा पाई।धामुपर के ही गुलाब सिंह की
पुत्र अंजनी देवी को 1932 के अवज्ञा आंदोलन में छह माह की कैद और 25 रूपये
जुर्माना , महावीर प्रसाद जैन धामपुर की
पत्नी कमला देवी को 1932 के ही अवज्ञा आंदोलन में छह माह क सजा और 50 रूपया जुर्माना हुआ।धामुपर के
उमराव सिंह की पुत्री गुलाब देवी का छह माह की कैद और 25 रूपया जुर्माना हुआ।
उदयपुर रेहड़ के
रामप्रकाश की पत्नी फूलवती को तीन माह की कैद और 50 रूपया जुर्माना भुगतना पड़ा।
धामपुर के उमराव
सिंह की पत्नी रमादेवी को 1934 के आंदोलन में छह माह की कैद हुई ।
धामपुर के चंदू लाल
की पत्नी को 1932 में एक माह की कैद और 50 रूपया जुर्मानाऔर 1933 में छह माह की कैद
और 50 रूपया जुर्माना हुआ।
कोटकादर के चंदन
सिंह की पत्नी कलावती को अवज्ञा आंदोलन में एक माह की कैद और 250 रूपया जुर्माना हुआ।
बिजनौर के मुहल्ला भाटान के नेमी शरण जैन की
माता एक सक्रिय कार्यकर्ता रही। संवज्ञा आदोलन 1932 में इन्हें एक माह की कैद और
250 रूपये जुर्माना हुआ। 1932 में भी तीन
माह की कैद और 50 रूपये जुर्माना हुआ। जुर्मानान देने पर अतिरिक्त तीन माह की सजा
पाई।
हल्दौर के शिवराज
सिंहकी पत्नी कैलाशवती को अवज्ञा आंदालन
1933 में छह माह की कैद और 25 रूपया जुर्माना हुआ।
बसंतीदेवी पत्नी शिवनाथ सिंह वैद्य गजरौला तीन माह की कैद 50
रूपया जुर्माना
−बसंती देवी पनी ख्वान
सिंह नहटौर को 1941 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में दो माह की कैद और 50 रूपया
जुर्माना हुआ।
− भागीरथी देवी पत्नी बुद्ध लाला गजरोला 1933 के
सवज्ञाआदालन में चार माह की कैद और 50 रूपयाजुर्मानाहुआ।
− − मन्नो
देवी पत्नी रघुनथासिंह ग्राम प्रथवीपुर को व्यक्तिगत सत्याग्रह में देमाह की कैद और 250
रूपयाजुर्मानाहुआ।
− राजदुलारी पत्नी गोविंद सहाय 1932 के आदालन में
दो माह, तीन माह और छह माहकी तीन बार सजाहुई।
− शीलवती
पत्नी नैमीशरण भाटान बिजनोर को 1932 में एक माह की कैद और 250 रूपया जुर्मानाहुआ।ये अपने पुत्र और पुत्री सहित जेल
गईं।
− गाविंद सहाय की माता सुखदेवी पत्नी माखन लाल पर
1932 में तीन माह की कैद और 50 रूपया जुर्माना हुआ।
अशाेक मधुप
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