नदी से सोना निकालने में माहिर है बोक्सा जनजाति
अफजलगढ़। ब्लाक क्षेत्र के गांव कुआंखेड़ा तथा भोगपुर में करीब 175 परिवार बोक्सा जनजाति के निवास करते है जिनमें दोनो गांवो की जनसंख्या करीब 750 के करीब है जहां आजादी के बाद अभी भी बहुत सी मूल सुविधाओं की कमी है।जिसमें सरकार की ओर से जनजाति उत्थान के लिए अनेक कार्य शुरू कराए जा रहे है।लेकिन इसके बावजूद भी लोग अभी बहुत सी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।
करीब 6-7 सौ वर्षो पूर्व मुगलो के आतंक व उत्पीड़न से तंग आकर राजस्थान व पंजाब आधि अन्य राज्यो से बोक्सा जनजाति के लोग कुंआखेड़ा व भोगपुर आकर बसे थे।जिसमें कुऑखेड़ा में 84 परिवार के 406 लोग तथा भोगपुर में 91परिवार में करीब 350 लोग निवास करते है ।यहां बसने के बाद यह लोग मूलरूप से नदियों से कच्चा सोने की तलाश तथा मजदूरी कर अपना व अपने परिवार का पालन पोषण करते थे।वहीं यह लोग नदियों से हाथों की मदद से मछली पकड़ने का भी काम करते है।यह लोग अपने आप को राजा जगतदेव का वंशज मानते है तथा बिरसामुंडा को भगवान मानते है।84 परिवारो में से कुछ ही लोगो के पास खेती की जमीन है अधिकतर लोग राजगिरी व खेतो पर मजदूरी करते है।
गांव निवासी राजू सिंह, पवन सिंह, मुनीम सिंह तथा ग्राम प्रधान सतपाल सिंह ने बताया कि करीब सन 2017 के आसपास उनके परिवार के लोग मुगलो के उत्पीड़न से तंग आकर उनके पूर्वज दादा परदादा सहित यहां आकर बसे थे।तभी से उनकी कई पीढ़ी यहीं रही है।मजदूरी कर गुजर बसर कर रहे है।
पूर्व में उनके पूर्वज रामगंगा नदिया सहित आसपास की अन्य सहायक नदियो से रेत से सोना निकालने का कार्य करते थे उन्होंने भी काफी समय तक यहीं कार्य किया।करीब 40 वर्षो से सरकार ने रेत का खनन बताते हुए ठेका देना बंद कर दिया ओर इसे खनन का नाम दे दिया।
क्षेत्र में अच्छे स्कूलो का अभाव है। गांव के बच्चो 8 वी के बाद कादराबाद व अफजलगढ़ में उच्च शिक्षा के लिए साइकिल से जाना पड़ता है गांव में कम से कम इंटर मिडिएट तक कालेज व क्षेत्र में आईटीआई स्कूल स्थापित किया जाना चाहिए।उन्होने बताया कि कुल आबादी में से करीब 15 प्रतिशत युवा पढ़े लिखे है जिनमें करीब 20 से 25 लोगो ने बीए भी कर रखा है।वहीं गांव की पिंकी गांव में अन्य बच्चो को पढ़ाने का कार्य कर रही है।यहां के कुछ युवा पढ़ लिखकर सरकारी नौकरी करने की इच्छा रखते है।
ग्राम प्रधान सतपाल सिंह का कहना है कि पूर्व में पूर्व में मूलभूत सुविधाओं की कमी थी।जो धीरे धीरे सरकार की ओर से पुरी करने का कार्य किया जा रहा है जिसमें बिजली की लाइन,पीने के लिए पानी की लाइन तथा घरो में खाने बनाने के लिए गैस सिलेंडर उपलब्ध करा दिए गए है वहीं मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 23 लोगो के मकान का निर्माण जारी वह करीब 30 लोग सूची में है।उन्होंने बताया कि इसके अलावा मोबाइल टावर,छात्रावास, बारातघर तथा इंटर कालेज के लिए भूमि की व्यवस्था कर स्थापित कराने के लिए प्रयास किया जाएगा।
नाै जनवरी 2024 अमर उजाला बिजनौर
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