डॉ.प्रो, दीप्ति गुप्ता

 शिक्षण और साहित्य को समर्पित नारी शक्ति की प्रतीक़ बिजनौर शहर की एक

गरिमामय शख्सियत : डॉ.प्रो, दीप्ति गुप्ता

अशोक मधुप


आइए जानते हैं - बिजनौर की डॉ.प्रो, दीप्ति गुप्ता का भारत के तीन सर्वोच्च

विश्ववविद्यालयों और शिक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली से लेकर प्रतिष्ठित साहित्यकार के रूप

में स्थापित होने तक का गौरवशाली सफर____


पूर्व प्रोफेसर दीप्ति गुप्ता की शैक्षणिक यात्रा बिजनौर शहर के वर्धमान कॉलिज

(रूहेलखंड विश्ववविद्यालय) से शुरू हुई और ऑक्सफोर्ड ऑफ़ इण्डिया कहे जाने वाले पुणे

विश्ववविद्यालय पर समाप्त हुई ! शैक्षणिक यात्रा के दौरान बीच में तीन वर्ष के डेप्युटेशन

डाकतापर, राष्ट्रपति द्वारा उनकी नियुक्ति सहायक शिक्षा सलाहकार के रूप में दिल्ली के

‘मानव संसाधन विकास मंत्रालय’ में हुई और उन्होंने वहाँ एक प्रशासनिक अफसर के रूप

में अपनी सेवाएं पूर्ण मनोयोग से दी ! नौकरी के साथ-साथ अस्सी के दशक से उनका

लेखन शैक्षणिक जिम्मेदरियों के चलते लम्बे-लम्बे अन्तराल के साथ चलता रहा! बेटी-बेटे

की उच्च शिक्षा हेतु उनको अपनी माँ और बच्चों सहित पुणे शिफ्ट होना पड़ा और 1998 से

पुणे में स्थाई रूप से बस गई !बेटी-बेटे की शिक्षा पूरी हो जाने और उनके सैटिल हो जाने

पर, दीप्ति जी 2005 से पूरी तरह लेखन को समर्पित हैं!

डा. दीप्ति ने जिस तरह शैक्षणिक जगत में देश के उच्चतम विश्वविद्यालयों में

अध्यापनरत रह कर ऊँचाइयों को छुआ, उसी तरह लेखन जगत में भी वे देश और विदेश में


सम्मानित हुई, आज अपनी प्रतिभा और मेहनत के बल पर, साहित्य के शीर्ष पर स्थापित

दीप्तिमान सितारा हैं !

डा. दीप्ति के सृजन मे  उनका  मानवतावादी एवं प्रगतिवादी दृष्टिकोण,  उसके तहत उनके

विचार और भाव, मूल्य, सँस्कार उनकी कहानियों के पात्रों, उनके व्यक्तित्व  और

गतिविधियों में  बखूबी नज़र आते हैं । चूंकि उनकी कहानियाँ जीवन और समाज का

जीता-जागता दस्तावेज़ हैं, तो उनमें समाज में नासूर की तरह फैला अन्याय-शोषण और

नानाविध विसंगतियाँ भी सूक्ष्मता के साथ प्रतिबिम्बित हुई है ! वे अपने सम्वेदनशील व

संस्कारी चरित्रों को केन्द्र में रख कर, समाज के सम्वेदनहीन लोगों, उनकी निकृष्टता और

अत्याचार का खुलासा करती हैं और साथ ही निदान का सन्देश भी देती हैं! ‘अमन’

प्रकाशन, कानपुर से प्रकाशित उनके कथा-संग्रह का शीर्षक ‘हाशिए पर उगते हुए सूरज’

उन पात्रों की बात करता है, जो समाज में हाशिए पर जीते हुए भी समाज और जीवन के

अँधेरे को दूर करने वाले ‘सूरज’ के समान हैं ! इस संग्रह के शुरू में ही पढने को मिलता है -

‘मानवता के पर्याय कथा-पात्रों को समर्पित’ - तो इससे ही लेखिका के मानवतावादी होने

का संकेत मिल जाता है और आगे बढ़ने पर हरेक कहानी अपने में मानवतावादी और

प्रगतिशीलता की प्रभावशाली शिलालेख सी सामने आती है ! ‘आत्मबल’ कहानी में

विश्वविद्यालयों के विभागों में पसरी विसंगतियाँ और नकारात्मकता, कहानी की

नायिका व अन्य पात्रों के सम्वादों व क्रिया-कलापों से उभर कर आई हैं और उनका किस

तरह डट कर निर्भीकता से सामना किया जाना चाहिए, व अपने मूल्यों व अच्छाईयों से

डिगना नही चाहिए, यह प्रेरक सन्देश नायिका द्वारा पाठकों तक सहज ही पहुँचता है !

इसी तरह ‘स्वयंसिद्धा’, ‘लगन’, ‘दोस्त’, ‘फरिश्ता’, ‘रूपान्तरण’, अनबूझ रिश्ता, ‘जीवट’

आदि सभी कहानियाँ जीवन और समाज का कलुष रूप दिखाती हुई, धन-दौलत, सुख-

सुविधाओं की दृष्टि से निर्धन, किन्तु संस्कारों के धनी पात्रों से आशा की चमचमाती

किरणे पाठकों के अंतस को अपनी उदात्त और सशक्त सोच के सुनहरे प्रकाश से भर

जाती हैं !

इसी तरह, डा. दीप्ति का ‘नमन’ प्रकाशन, नई दिल्ली से प्रकाशित, कथा-संग्रह

‘सरहद से घर तक‘ की कहानियाँ ‘’हम सब में छुपी अनचीन्ही शक्तियों को


समर्पित ‘ है ! लेखिका की मानव की आन्तरिक शक्र्तियों पर अटूट आस्था है !

तभी उनका लेखन आन्तरिक शक्तियों, मानवीय गुणों आदि को समर्पित होता है

! इस संग्रह में भी उनकी कहानियों का मानवीय पक्ष बेहद सशक्त और उम्दा बन

पड़ा है ! ‘पारदर्शी’, ‘आस्था’, ‘सरहद से घर तक’ , ‘दर्पण में झांकते चेहरे’.

‘फिनिक्स’, ‘एवटाबाद हाउस’, ‘पारमिता’, ‘अलगाव से लगाव तक’ आदि लगभग

सभी कहानियाँ सामाजिक पृष्ठभूमि पर मानवीय सम्वेदनाओं को रोपती हैं ! डा.

दीप्ति मानव के गुण-अवगुण दोनों का उल्लेख करती हुई, अपनी कहानियो को

इस तरह कसावट के साथ बुनती हैं कि कहानियाँ न कहीं उधडती हैं, न कहीं

बिखरती हैं और वे अपना खूबसूरत रास्ता खुद बनाती हुई तय करती हैं ! अन्त में

अपने लक्ष्य पर पहुँच कर, समाज के लिए ‘मार्गदर्शक दीपस्तम्भ’ बन जाती हैं !

दीप्ति जी की रचनाएँ (हिन्दी व अंग्रेज़ी की कवितावन, कहानियाँ, समीक्षाएं, एवं

सामाजिक सरोकारों के आलेख आदि) 1987 से अनवरत देश-विदेश की उच्चस्तरीय

पत्रिकाओं जैसे – ‘समकालीन भारतीय साहित्य,नया ज्ञानोदय, वागर्थ, सरस्वती,

गगनांचल, हंस, साक्षात्कार, कथादेश,लमही, संबोधन, उदभावना, अहा जिंदगी,

वर्तमान साहित्य, अक्षर-पर्व, नई धारा, प्रेरणा, मुक्तिबोध, प्रेमचंद पथ, अभिनव इमरोज़,

लहक, हिन्दी फेमिना, रेवांत, समकालीन अभिव्यक्ति, जनवाणी, संडेवाणी मारीशस,

हिन्दी चेतना (कैनेडा), पुरवाई (लन्दन), लेखनी (लन्दन), आक्रोश (मारीशस),. Indian

Express, Maharashtra Herald, Pune Times, Women’s Era, Alive प्रकाशित होती

रही हैं और पाठकों का स्नेह व आशीर्वाद पाती रही हैं!

लम्बे समय से साहित्यिक विश्वकोश कविताकोश और गद्य-कोश पर रचनाएँ

उपलब्ध हैं!

उनकी प्रकाशित कृतियाँ इस प्रकार हैं :


1) सामाजिक मूल्यों और आदर्शों की एक यात्रा - अमृतलाल नागर (शोधपरक -

2000)

2) महाकाल से मानस का हंस - तत्कालीन इतिहास और परिस्थितियों के

परिप्रेक्ष्य में (शोधपरक -2001)

3) उपन्यासकार अमृतलाल नागर का जीवन दर्शन, (शोधपरक 200३)

4) अन्तर्यात्रा ( काव्य संग्रह - 2005),

5) Ocean In The Eyes ( Collection of Poems - 2005)

6) शेष प्रसंग (कहानी संग्रह -2007),

7) समाज और सँस्कृति के चितेरे - अमृतलाल नागर, (शोधपरक – 2007

8) सरहद से घर तक (कहानी संग्रह, 2011

9) पयामे जिंदगी और सुना (नज़्म- व्याख्या संग्रह: 2014 सभ्य प्रकाशन, दिल्ली

10) ‘दुलारते शब्द ’ (काव्य-संग्रह2016 बोधि प्रकाशान,



 जयपुर

11) ‘तुलसी के बिरवे तले’ (काव्य संग्रह, 2011 बोधि प्रकाशान , जयपुर

12) ‘हाशिए पर उगते हुए सूरज (’ (कहानी संग्र2016 अमन प्रकाशन, कानपुर

13) सम्पादित नज़्म-संग्रह 2016 : ‘वक्त के आईने में ‘ अमन प्रकाशन,कानपुर

14) लेखक के आईने में लेखक 2017 : (संपादित संस्मरण संग्रह) बोधि प्रकाशन

15)नीदरलैंड से ‘Seasonal Poems’दो कवि (दीप्ति गुप्ता और Hannie

Rouweler) केंद्रित अंग्रेज़ी साझा काव्य-संग्रह, 2019


16) Holland से ‘Five Flowers’ अंग्रेज़ी काव्य-संग्रह 2019


17) Osh, Kyrgyzstan से ‘Ocean In the Eyes’ काव्य-संग्रह रूसी भाषा में

अनूदित Океан в глазах एवं प्रकाशित 2019


18) Osh, Kyrgyzstan से ‘Ocean In the Eyes’ काव्य-संग्रह फ्रेंच भाषा में

अनूदित Océan dans les yeux एवं प्रकाशित, 2019


19) Osh, Kyrgyzstan से ‘Ocean In the Eyes’ काव्य-संग्रह जर्मन भाषा में

अनूदित Ozean in den Augen एवं प्रकाशित, 2019

20) ‘Ocean In the Eyes’ काव्य-संग्रह चाइनीज़ भाषा में अनूदित

‘眼中的海洋’ (‘Yǎnzhōng dì hǎiyáng’) एवं प्रकाशित, 2019


21) कुछ पसंदीदा कृतियाँ मेरी नज़र में - समीक्षा-संग्रह – प्रकाशक, अमेज़न


22) रूहदारी (हिन्दी काव्य संग्रह) 2021, हिन्दी संस्था,टोरंटो केनेडा एवं ‘ब्लू रोज’

नई दिल्ली द्वारा द्वितीय संस्करण 2022 में प्रकाशित

23) ‘East  and  West Poetic Blending’ द्विभाषिक हिन्दी-अंग्रेज़ी काव्य संग्रह

सम्पादित 2021, अमेज़न पर प्रकाशनाधीन

24) ‘Being A Woman’- अंग्रेज़ी काव्य संग्रह , 2021, Publishing House ALMA,

Belgrade से प्रकाशित !


25) ‘हाशिए पर उगते हुए सूरज’ कहानी-संग्रह बँगला में अनूदित -

लोटस पब्लिकेशन्स

२६) कथा-मानास्रोवर, कहानियों का मराठी अनुवाद, पुणे, अथर्व प्रकाशन

दीप्ति जी की गौरवशाली उपलब्धियाँ____

‘शेष प्रसंग’ कहानी संग्रह की दो कहानियाँ - ‘हरिया काका’ तथा ‘पातकनाशनम्’

क्रमश: 2008 और 2009 में ‘पुणे विश्वविद्यालय’ के 811 कालेजों में हिन्दी

स्नातक पाठ्य क्रम में शामिल


1) ‘अन्तर्यात्रा’ काव्य संग्रह (2005) की ‘निश्छल भाव’ व ‘काला चाँद’

कविताएँ 2008 से भारत के 25 राज्यों के अंग्रेज़ी माध्यम (ICSC एवं

CBSC बोर्ड) स्कूलों और दुबई, शारजा, आबू धबी, मिलान आदि विभिन्न

स्थानों में स्थापित ‘मॉडर्न स्कूल’ की शाखाओँ मे हिन्दी पाठ्यक्रम में

शामिल

2) उपन्यासकार अमृतलाल नागर पर लिखा संस्मरण ‘बूँद-बूँद अमृत’

गुणवत्ता के आधार पर अमेरिका की ‘अमेज़न लाइब्रेरी’ द्वारा विदेशी

छात्रों के लिए प्रकाशित एवं संग्रहीत (2010) !

3) नई दिल्ली की The Sunday Indian पत्रिका द्वारा वर्ष 2011 में हिन्दी

साहित्य को समृद्ध बनाने वाली विश्व भर की हिन्दी लेखिकाओं के

उत्कृष्ट लेखन के सर्वेक्षण के तहत महाराष्ट्र की ‘प्रतिष्ठित लेखिका’ के

रूप में समादृत !


4) Excellence Award, Ruhilkhand University for ‘The Best & most

dedicated Programme Officer, N.S.S. (1987)

5) कविता संग्रह एवं कहानी संग्रह बंगाली, मराठी, और पंजाबी में

प्रकाशनाधीन

6) काव्य-संग्रहों एवं कहानी- संग्रहों पर, बिहार, केरल, चेन्नई, एवं महाराष्ट्र

में एम.फिल. व पी-एच. डी कार्य

7) अंग्रेज़ी कविताएँ American Literary Fanstory Forum द्वारा ‘All

Time Best’ कोटी में चयनित


9) अंग्रेज़ी की कविताओं का विश्व की प्रतिष्ठित एवं विख्यात काव्य-संग्रहों -

Atunis Galaxy World Poetry, अल्बेनिया, Almanac, मंगोलिया, World Nations

Writers Union and ‘Pacific Poetry’. में चयनित एवं प्रकाशित ! हाल ही में 8

मार्च, 2021 को महिला दिवस पर INNSAEI – International Literary Journal

(monthly) में कविता ‘Woman – A willow Tree ‘ का विभिन्न देशों की कविताओं

में, ‘सर्वोच्च कविता’ के रूप में प्रकाशन !


Ocean In The Eyes ( Collection of Poems - 2005) अंग्रेज़ी की कविताओं का डच,

स्पैनिश, इटेलियन, किर्गीज, चीनी, फ्रेंच, जर्मन एवं रूसी भाषाओँ में अनुवाद एवं

विदेशी पत्रिकाओं में प्रकाशन


अन्तर्देशीय पुरस्कार :

1) Indian Woman Award for Literature, 2021, Nirgia Foundation,

2) Great Global Woman Award, 2021, अन्तरराष्ट्रीय अर्पिता फाउन्डेशन, उत्तर

प्रदेश !


3) ‘नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ ठाकुर सम्मान’ अर्पिता फाउन्डेशन, वृन्दावन(2020)

4) ‘रत्नावली शिखर सम्मान’, तुलसी साहित्य अकादमी,भोपाल, म.प्र. (2020)

5) ‘सरस्वती श्री सम्मान’, मेरठ, उत्तर प्रदेश ! (2019)

6) ‘म..प्र.तुलसी अकादमी सम्मान’, भोपाल ! (2018)

7) ‘विद्यावाचस्पति सम्मान’, विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, उज्जैन ! (2018)

8) ‘साहित्य भूषण’ सम्मान उ.प्र. हिन्दी संस्थान, लखनऊ ! (2017)

9) ‘कादम्बरी सम्मान’, बहुआयामी हिन्दी सेवाए एवं कहानी लेखन, जबलपुर (2017)

10) ‘ ‘प्रेमचंद कथा सम्मान’,महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी, मुंबई (2016)

11) ‘रवीन्द्रनाथ ठाकुर सारस्वत सम्मान’ भारतीय वांड्मय पीठ, कोलकात्ता, (2016)

12) ‘शब्द निष्ठा सम्मान’, अजमेर (2016)

13) साहित्य शिरोमणि सम्मान’ वाग्देवी साहित्य अकादमी कर्नाटक (2015)

14) ‘ज्ञानोदय साहित्य गौरव सम्मान’ ज्ञानोदय साहित्य संस्था, कर्नाटक (2013)

15) ‘साहित्य रत्न सम्मान’ रचना जगत केरल द्वारा (2006)

16) ‘भाषा शिल्पशिरोमणि सम्मान’ ,भाषा एवं साहित्य सृजन मंच,नई दिल्ली, (2005)

17) ‘भाषा-गौरव सम्मान’, शब्दार्थ अन्वेषक मंडल द्वारा बरेली, उ.प्र ! (1995)

18) ‘ज्ञान भूषण सम्मान’, अभिव्यक्ति संस्थान - उ.प्र. (1994)


अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार :


1) अन्तरराष्ट्रीय काव्य प्रतिस्पर्धा में ‘League of Poets’ पुरस्कार, 2020

2) वैश्विक काव्य प्रतिस्पर्धा में चीन (China ) का प्रथम पुरस्कार, 2020

3) अन्तरमहाद्वीपीय काव्य प्रतिस्पर्धा में Union Hispanomumdial De Escritores

द्वारा ‘अन्तर्महाद्वीपीय सम्मान’ , Peru, 2020

4) Best Poetess Award, Ethiopia , 2019

5) Russian Golden Feathers Award, 2022 for Poetry along with the Title

of ‘Laureate, 2022’

6) International Golden Pen Literary Award, Kirgizstan


7) मास्को (रूस) का Pensmith पुरस्कार, 2024


डा. दीप्ति की भाषा निर्झर सी सरल-तरल, प्रांजल, बोधगम्य है और भाषा की ये

सरलता और तरलता उसे हृदयग्राही बनाती है ! उनकी शैली, उनका अंदाज़ भाषा

की ही तरह बेहद सम्मोहक और मनभावन है ! उनकी प्रस्तुति में एक सलोनापन

है, जो उनकी कहानियों को सीधा दिल में उतारता जाता है ! उनकी भाषा भारी-

भरकम शब्दों के प्रयोग से दूर व ज्ञान के आडम्बर से रहित मन्द-मन्द बयार सी

पाठक-मन का स्पर्श करती है उससे एक तादात्म्य स्थापित कर लेती है ! फिर तो

स्वाभाविक है कि उस अद्भुत भाषा में पिरा हुआ कथानक पाठक से आत्मीयता

स्थापित करता हुआ, रूह में सहज ही जगह बना लेता है ! यदि कथानक अच्छा

हो और भाषा उसके ही स्तर की न हो तो, कहानी में अधूरापन सा पसर जाता है !

लेकिन कथानक की प्रस्तुति का साधन ‘भाषा’ भी उतनी ही रमणीय एवं मोहक

हो तो सृजन कालजयी हो जाता है - चाहे वह कहानी, हो या कविता, या

उपन्यास या लघु-कथा ! विषय के अनुरूप शब्दावली चार चाँद लगा देती हैं और

यह हुनर डा. दीप्ति के पास उच्चकोटि का है ! वैसे भी वे भाषाविद है और भाषा-

विज्ञान के क्षेत्र में अपनी खास पहचान व पकड़ रखती हैं ! उनका व्याकरणिक

ज्ञान उनकी भाषा को यांत्रिक और रूखा भी बना सकता था, किन्तु आश्चर्यजनक

बात है कि जब वे कहानी लिखती है तो, उनकी लेखनी से उस तकनीकि ज्ञान से

परे, बहुत मृदुल, मोहक और सुबोध होती है ! भाषा के धनी ऐसे लेखक बिरले

ही होते हैं !

किशोरावस्था से ही, लेखन की ओर उनका अपना रुझान उनके सृजन का आधार

बना ! उनके लेखन की शुरुआत तब से हुई जब वे लेखन की अहमियत से अंजान

थी ! तब वे ग्यारह वर्ष की थी ! बगीचे में खिले एक अकेले गुलाब को देखकर न

जाने क्यों उनके बाल मन को लगा कि वह उदास है, खामोश है ! उसके आस पास

दूर तक कोई फूल नहीं था ! बस, उसके अकेलेपन से अभिभूत हुई वही उसके


पास बैठ कर उन्होंने अपने जीवन की पहली कविता लिखी ‘ A Lonely Flower’ !

अंग्रेजी में इसलिए लिखी कि उनकी अंग्रेजी की टीचर बच्चो को अक्सर छोटी-छोटी

कविताएँ, यात्रा वर्णन लिखने के लिए प्रेरित किया करती थी ! सो उनका असर

इतना था कि टीचर की प्रिय भाषा में ही पहली कविता लिखी ! उसके बाद बहुत

साल तक झिझक के कारण कुछ लिखा ही नहीं ! लेकिन किशोरावस्था में कुछ

लिखने के अंदर घुमडता सा रहता था,जो कॉलिज-पत्रिकाओं तक सीमित रहा !

कहानी, निबन्ध, और कविता लेखन प्रतियोगिताओं में खूब भाग लेना और

पुरस्कार मिलने पर, लिखने के लिए और प्रोत्साहित होना....यह सिलसिला

चलता रहा ! उनकी  हिन्दी और अंग्रेज़ी  की कृतियॉं  सीधे मूल भाषा  में लिखी

गई  हैं, अनूदित नहीं हैं | अनुवाद  कितना  भी बढ़िया  हो, अनुवाद  ही होता है, 

जबकि  कविता हो, या  कहानी सीधे  मूल  हिन्दी  या मूल अंग्रेज़ी   में  लिखना सोहता

है और अधिक  अच्छा, सरल और  सन्तोषप्रद लगता है |

उनकी कविताएं अनेक विदेशी एंथोलॉजी और पत्रिकाओं प्रकाशित हुई | मास्को,

ग्रीस, चीन, स्पेन आदि देशों की प्रिन्टेड और ऑनलाइन  दोनों तरह की साहित्यिक 

पत्रिकाओं  में भी छपी | Atunis Galaxy World Poetry, अल्बेनिया, Almanac,

मंगोलिया, World Nations Writers Union and ‘Pacific Poetry’. में चयनित

एवं प्रकाशित ! हाल ही में 8 मार्च, 2021 को महिला दिवस पर INNSAEI –

International Literary Journal (monthly) में कविता ‘Woman – A willow

Tree ‘ का विभिन्न देशों की कविताओं में, ‘सर्वोच्च कविता के रूप में प्रकाशन !

सबसे सुखद बात थी कि बेलग्रेड के काफ़ी पुराने प्रतिष्ठित प्रकाशन को उनकी

इंग्लिश कविताएं  इत्तेफ़ाक  से इतनी पसंद आई कि उनका Being A Woman

काव्य संग्रह अपनी ओर से प्रकाशित किया और उनको चार लेखकीय प्रतियॉं भी

भेजी | विदेशी प्रकाशन से किताब छपना मायने रखता है  और वो भी उनका अपना

धन लगाकर प्रकाशित  करना | इसे डा. दीप्ति ईश्वर का करिश्मा और वरदान

मानती हैं | इतना ही नही अंग्रेजी का काव्य-संग्रह Ocean In The Eyes का रूसी,


जर्मन, फ्रेंच डच, स्पैनिश, इटेलियन, किर्गीज और चायनीज अनुवाद विदेश से

प्रकाशित हुआ है !

दीप्ति जी ने स्वयं भी अनुवाद  के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण  कार्य  किया है जिसमें

2020 में ‘केमिला’ और 2022 में दूसरे रूसी उपन्यास  के अलावा 40 विदेशी कवियों

की कविताओं का हिंदी अनुवाद  भी शामिल  है।  उनका कहना है कि कभी सोचा न

था कि  भविष्य  में ऐसा संयोग  बनेगा कि सीमा पार के देशों  के साहित्यकार उनकी

कविताओं को विभिन्न साहित्यिक साइट्स पर पढ़ कर इतना पसन्द करेंगे कि

स्वेच्छा से उन कविताओं का फ्रेंच, जर्मन, इटेलियन रूसी, चायनीज, आदि अन्य

अनेक भाषाओं में अनुवाद कर, उनके लेखन को इतना सम्मान और सरप्राइज़

देगे! विदेशी लेखकों की इस उदारता से अभिभूत होकर दीप्ति जी ने भी उन लेखकों

के दो रूसी उपन्यासों और चालीस कविताओं का हिन्दी में अनुवाद किया ! | यह

सब  चमत्कारी संचार माध्यमों का कमाल है कि दुनिया के सभी देश परस्पर जुड़े 

हुए  हैं | इस वज़ह से दूर देश के साहित्यकारों के सम्पर्क में आने पर, हमारे बीच 

साहित्यिक  आदान-प्रदान हुआ ! परिणामस्वरूप, उनकी अनूदित कविताएं, विदेश की

प्रतिष्ठित  पत्रिकाओं  में भी प्रकाशित होने लगी |

रूसी भाषा में लिखे  ‘केमिला’ उपन्यास का हिन्दी में अनुवाद  करने की उनकी

कोई  इच्छा नहीं  थी, लेकिन उसके रचयिता  आर.के.कारीमोव की उत्कट इच्छा

थी कि  उनके उपन्यास का परिमार्जित  हिन्दी में अनुवाद  हो और इसके लिए

उन्हें लगा कि वे  चूंकि हिन्दी की प्रोफ़ैसर  रही है, तो  उनसे बेहतर कौन करेगा!

वे उपन्यास के बड़े कलेवर की वज़ह से  अनुवाद करने के लिए अनिच्छुक  थी,

इसलिए कारिमोव जी को अनुवाद के लिए  हॉं कहने में, उन्होंने दो-तीन

महीने लगाए |  वे भी अपनी बात पर डटे हुए थे कि  उनके  प्रिय  उपन्यास  का 

हिन्दी में अनुवाद  यदि होगा तो  हिन्दुस्तान की  हिन्दी प्रोफ़ैसर  दीप्ति  गुप्ता ही

करेंगी | यह उनका भ्रम था कि और कोई 


अच्छा अनुवाद  नहीं  कर सकता | दीप्ति जी ने उनको अन्य भारतीय

अनुवादकों के नाम भी सुझाए । ख़ैर, फिर उनकी बात का सम्मान  रखते

हुए, दीप्ति जी ने ‘केमिला’ उपन्यास में पूरी तरह डूब कर, बहुत शिद्दत  से अनुवाद

किया,  जिसका वे पारिश्रमिक  देना चाहते थे, पर दीप्ति जी ने  इंकार कर दिया ।

दीप्ति जी ने अनुवाद के बदले रिश्ता कमाया और वे तब से उनको अपनी  बहन

मानने लगे | इसके अतिरिक्त श्री चंचल सिंह की शिक्षा पर महत्वपूर्ण पुस्तक

‘Education Today In India’ का हिन्दी में अनुवाद ‘वर्त्तमान भारत में शिक्षा’

(2013) ! पुणे की प्रतिष्ठित Multiversity Software Company, द्वारा स्कूली शिक्षा

पर तैयार सी डी का हिन्दी में अनुवाद (2010) ! विविध राजनैतिक दलों के

घोषणा पत्रों का, उनके निवेदन पर हिन्दी में अनुवाद क्रमश: 2011, 2012, 2013,

2014, 2015 !

समय-समय पर निम्नलिखित अनेक सरकारी, गैर-सरकारी संस्थानों के दस्तावेजों का

हिन्दी में अनुवाद -

राजभाषा विभाग, हिन्दी संस्थान, शिक्षा निदेशालय, शिक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली,

McGrow Hill Publications, New Delhi, ICSSR, New Delhi, अनुवाद संस्थान, नई

दिल्ली, CASP Pune, MIT Pune, Multiversity Software Company Pune,

Knowledge Corporation Pune, Unicef, Airlines, ‘Education Today In India’

Multiversity Software Company Pune

दीप्ति जी का मानना है कि हर रचनाकार की एप्रोच, चाहे वह भारत का हो या

फ्रांस का, सबकी बड़ी सकारात्मक और  आत्मीयता भरी होती है |  क्योंकि  मूल

रूप से लेखक क्रिएटिव रुझान के होते  हैं, उनका एक अलग खुशनुमा रचनात्मक 

संसार होता है, जिसमें वे अधिकतम समय बाहरी दुनिया  की 

सारी दुनियादारी को भूलकर  सॉंसें लेते  हैं |

मेरी शुभकामना है कि दीप्ति जी का गौरवशाली लेखकीय सफर आजीवन उत्तरोत्तर


चरम ऊंचाइयों की ओर बढता रहे और वे ‘वसुधैवकुटुम्बकम’ को चरितार्थ करती

हुई, इसी तरह, भारत से लेकर वैश्विक स्तर तक अपनी ख्याति का परचम फहराएँ

!




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