नही रहे के एस तूफान



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वरिष्ठ साहित्यकार एवं मांकपा नेता केएस तूफान का निधन



नजीबाबाद। वरिष्ठ

साहित्यकार और माकपा नेता केएस तूफान का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। केएस तूफान की अनेक पुस्तक और लेखन ने उन्हें साहित्य के क्षेत्र में पहचान दिलाई थी। माकपा नेता रामपाल सिंह, विजय शर्मा ने उनके निधन को साहित्य और राजनीति के क्षेत्र में बड़ी क्षति बताया।

किरतपुर के गांव भनेड़ा निवासी केएस तूफान ने सोमवार की रात करीब 11 बजे अंतिम सांस ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी में इंकलाबी लीडर की पहचान रखने वाले केएस तूफान खाद्य विभाग की नौकरी छोड़कर लंबे समय तक माकपा में सक्रिय रहे। युवावस्था से यि के प्रति रुचि दी।



नारी सशक्तिकरण और अन्य विषय पर लेखन के साथ कहानीकार के रूप में उनकी पहचान रही। साहित्यकार केएस तूफान को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने वर्ष 2004 में उनके निबंध संग्रह नारीः तन मन गिरवीं कब तक.. के लिए सम्मानित किया।

वर्ष 2008 में उन्हें साहित्य के क्षेत्र में गुलाब राय सृजन पुरस्कार मिला। उनकी कृतियों में लघुकथा संग्रह टूटते संवाद, लहरों का संघर्ष, निबंध संग्रह सफाई का नरक, अंधेरे में रोशनी, काव्य संग्रह, स्वप्न भंग प्रमुख रहे। नारी सशक्तिकरण विषय से केएस तूफान ने राष्ट्रीय स्तर के पत्र-पत्रिकाओं में लेखन और आकाशवाणी नजीबाबाद केंद्र से कहानीकार के रूप में पहचान बनाई

 

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