नजीबुद्दोला का मकबरा
युरोपियन चित्रकार थॉमस डेनियल की नजर मे नजीबाबाद शहर सन 1789 कि पेन्टिँग बयाँ कर रही है उस दौर के नजीबाबाद कैसा दिखता था
थॉमस डेनियल और विलियम डेनियल चाचा भतीजे की इस ब्रिटिश कलात्मक जोड़ी ने 1789 गढ़वाल का दौरा किया था तब उन्होंने नजीबाबाद के स्मारकों और परिदृश्यों के कुछ प्रतिष्ठित जल रंग पेंटिंग और एक्वाटिंट उत्कीर्णन बनाए थे
नजीबुद्दौला के मकबरे की भव्यता 1789 की तस्वीर में साफ नजर आ रही है थॉमस और विलियम डेनियल ने पेंसिल और जल रंगों से यह तस्वीर बनाई थी इस तस्वीर में मकबरे की दीवारें गुंबद और मीनारें साफ दिखाई दे रही हैं चारों तरफ खुला हुआ मैदान है सामने दिखाई देते उत्तराखण्ड के पहाड़ झील किनारे बैल गाड़ी और मकबरे के पीछे घास फूस के घर
झील मे कोई मछली भी पकड़ता दिखाई दे रहा है।
मकबरे के पीछे कुछ पेड़ भी लगे हुए हैं अब हालत यह है कि मकबरे के आगे पीछे तंग गलियो के मकान भरपूर आबादी फैल गयी हैं।
मुख्य गेट के पास भी कब्जा हो चुका है पुरानी तस्वीर में मकबरे की बाई दिशा में एक मस्जिद नजर आ रही है तस्वीर में उकेरी गई मस्जिद बिल्कुल अलग है
थॉमस डेनियल और विलियम डेनियल द्वारा नजीबाबाद शहर की चित्रकारी उन्होंने अपनी कोटद्वार यात्रा के दौरान कि थी नजीबाबाद शहर का का वो शांत दृश्य उनके द्वारा इस चित्रकारी मे बखूबी नजर आ रहा है
यदि आप भी नजीबाबाद शहर के इतिहास की जीवंतता को देखने में रूचि रखते हैं तो थॉमस डेनियल द्वारा चित्रित नजीबाबाद के अनूठे चित्रों को एक बार ज़रूर देखना चाहिए ब्रिटिश चित्रकार थॉमस डेनियल ने अपने चित्रों के माध्यम से सैकड़ों साल पहले के नजीबाबाद को अपनी पेन्टिगँ का एक अनूठा रिकॉर्ड अपनी किताब मे उकेरा है उनकी कृतियां नजीबाबाद का समृद्ध इतिहास और विरासत का प्रमाण हैं रोहिल्ला नवाब नजीबुद्दौला ने सन 1751 में नजीबाबाद को बसाया था नवाबी इमारतें आज भी नजीबुद्दौला के जमाने की कलात्मक कारीगरी और उनके कलानुराग की जीती जागती मिसाल हैं
थॉमस डैनियल ब्रिटिश चित्रकार जिन्होने 18वीं शताब्दी मे नजीबाबाद को चित्रित किया था थॉमस डेनियल कि पुस्तक "द ओरिएंटल एनुअल ऑर सीन्स इन इंडिया" खंड 1 मे कोटद्वार श्रीनगर गढ़वाल नजीबाबाद सहित पश्चिम क्षेत्र कि चित्रकारीयो का अवलोकन और उन के आर्टिकल भी पढ़ सकते हैं
~ तैय्यब अली स्वतंत्र लेखक बिजनौर
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