साहू शांति प्रसाद जैन ने नजीबाबाद को दी राष्ट्रीय पहचान
साहू शांति प्रसाद जैन ने नजीबाबाद को दी राष्ट्रीय पहचान -साहित्य के क्षेत्र में ज्ञानपीठ पुरस्कार बना मिल का पत्थर -शिक्षा, उद्योग,मीडिया,जैन धर्म को जीवन किया समर्पित -----------------------------------------राजा दुष्यंत व शकुंतला की प्रणय स्थली मालिन नदी के तट पर बसी ,चक्रवर्ती सम्राट मोरध्वज की नगरी नजीबाबाद नगर की मिट्टी ने एक ऐसे व्यक्तित्व को जन्म दिया जिसने अपनी शैक्षिक योग्यता, अनुभव,पारावारिक परिवेश से उंचाईयां पर पहुंच कर परिवार व नजीबाबाद नगर का नाम रोशन किया। उस व्यक्तित्व का नाम है साहू शांति प्रसाद जैन। नजीबाबाद के जमींदार साहू सलेक चन्द जैन के पुत्र दीवान चन्द जैन व मूर्ति देवी के घर 27 अक्टूबर 1911 को जन्में साहू शांति प्रसाद जैन वित्त, वाणिज्य, अर्थशास्त्र व व्यापार में दक्ष होने के कारण देश के औधोगिक विकास में भागेदारी करने लगे। परिवार के सहयोग से साहू शांति प्रसाद जैन ने देश के विभिन्न महानगरों में चीनी, सीमेंट,जूट कपड़ा, केमिकल , खाद्य उत्पाद आदि के उद्योग स्थापित किए साथ ही रेलवे, एयरलाइंस,बीमा, बैंक में धन लगाकर कमाएं लाभ से देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों में अपनी पहचान बनाई। देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों में टाटा,बिड़ला के बाद डालमिया का नाम आता था। साहू शांति प्रसाद जैन के बढ़ते कारोबार साम्राज्य,कार्यशैली, परिवार की पृष्टभूमि से प्रभावित होकर देश के प्रमुख उद्योगपति रामकृष्ण डालमिया ने 1932 में अपनी पुत्री रमा डालमिया का विवाह साहू शांति प्रसाद जैन के साथ कर दिया। रमा डालमिया ने रमा जैन बनने के बाद अपने सरल व्यवहार गांधीवादी परवरिश, संस्कृति व साहित्य से लगन के कारण वह साहू शांति प्रसाद जैन का हर कदम पर सहयोग किया। दो औधौगिक घरानों के मिलन के बाद रामकृष्ण डालमिया व साहू जैन परिवार ने मिलकर देश के प्रमुख औद्योगिक कारोबार को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया। रामकृष्ण डालमिया ने देश के प्रमुख मीडिया समूह बेनेट कोलमैन एंड कम्पनी को ब्रिटिश स्वामित्व से खरीद लिया। बाद को व्यापार में विपरीत परिस्थिति आने पर साहू शांति प्रसाद जैन ने इस मीडिया समूह को खरीद कर अपनी श्रेष्ठता साबित की । देश के प्रमुख मीडिया समूह टाईम्स आफ इंडिया समूह के साथ उच्चाइयों को छू लिया और इस मीडिया समूह को देश का सबसे बड़ा प्लेटफार्म बना दिया। बढ़तें कारोबार के साथ ही साहू शांति प्रसाद जैन ने जीवन संगनी रमा जैन की प्रेरणा से शिक्षा व साहित्य के विकास के लिए परोपकारी कदम बढ़ाए। दोनों के समर्पित प्रयास से भारतीय भाषाओं के जीवित उत्कृष्ट लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए 1961 में भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार की नींव रखी। 1965 में प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रारंभ किया 2025 तक हिन्दी सहित अन्य भाषाओं में 66 साहित्यकार व लेखकों को सम्मानित किया जा चुका है । इसके अलावा साहू शांति प्रसाद जैन ने अपनी मां मूर्ति देवी की स्मृति को संजोएं रखने को भारतीय भाषाओं की महिला साहित्यकारों व लेखिकाओं को मूर्ति देवी पुरूस्कार देना प्रारंभ किया। अब तक 30 भारतीय महिला साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार व मूर्ति देवी पुरूस्कार के तहत सम्मानजनक लाखों की नकद पुरस्कार राशि, प्रशस्ति पत्र, ज्ञान की देवी सरस्वती की प्रतिमा भेंट की जाती है। साहू शांति प्रसाद जैन ने बढ़ते कारोबार के साथ देश में शिक्षा के प्रसार के लिए कार्य किया। देश के विभिन्न महानगरों में शिक्षण संस्थान स्थापित किए। नजीबाबाद नगर में ही शिक्षा की बेहतर व्यवस्था के लिए साहू जैन ट्रस्ट स्थापित कर अपनी पूज्य माता मूर्ति देवी जैन के नाम पर मूर्ति देवी सरस्वती इंटर कालेज(वर्ष 1944), मूर्ति देवी कन्या इंटर कालेज(वर्ष 1948), साहू जैन महाविद्यालय (1966) व उनके पुत्र साहू अशोक कुमार जैन ने कन्या उच्च शिक्षा के लिए (1998)रमा जैन महाविद्यालय स्ववित्त पोषित संस्था की स्थापना की। मूर्ति देवी सरस्वती इंटर कालेज व मूर्ति देवी कन्या इंटर कालेज को अब साहू जैन ट्रस्ट,साहू जैन महाविद्यालय को टाईम्स फार इंडिया आर्गनाइजेशन दिल्ली व रमा जैन कन्या महाविद्यालय को टाईम्स फार इंडिया व साहू जैन ट्रस्ट दिल्ली द्वारा संचालित किया जा रहा है। साहू शांति प्रसाद जैन ने जिस उद्देश्य से यह संस्थाएं स्थापित की थी संस्थाएं स्थानीय प्रबंधन के रवैये से अपेक्षित परिणाम नहीं दे सकीं। शिक्षा, अनुशासन,परीक्षाफल में प्रदेश में स्थान बनाने वाली शिक्षण संस्थाएं अब अपने जनपद में ही पिछड़ गई । साहू शांति प्रसाद जैन ने साहू जैन ट्रस्ट के द्वारा प्रतिभाशाली ज़रूरत मंद विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर छात्रवृत्ति इंटर्नशिप,आर्थिक मदद,शैक्षिक ऋण की महत्वाकांक्षी योजना प्रारंभ की जिससे कक्षा दस से उच्च शिक्षा अध्ययन करने वाले लाखों विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं। साहू शांति प्रसाद जैन ने जैन समाज के आर्थिक रूप से कमजोर परिवार,जन्म से जैन व दिग्भ्रमित परिवार को आर्थिक मदद करने व वापस जैन धर्म में वापसी के लिए परमतेज फाउंडेशन बनाकर अनेक जैन परिवार का उद्धार किया। इसके अलावा जैन धर्म की शिक्षा को अपनाने, प्रोत्साहित करने, जैन श्रावक व श्राविकाओं को धार्मिक पाठशालाओं को प्रेरित करने, शांति पूर्ण सम्पूर्ण जैन दीक्षा व गाय सेवा पर वृहद योजना बनाकर आर्थिक मदद की है। साहू शांति प्रसाद जैन के कुशल निर्देशन में ही देश के प्रमुख मीडिया समूह टाईम्स आफ इंडिया ने प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया, पत्रिका, मैगजीन,एफ एम मिर्ची, का विस्तार किया तथा टाईम्स आफ इंडिया अंग्रेजी समाचार पत्र को दुनिया का सबसे अधिक प्रसार वाला समाचार पत्र बना दिया। एक भारतीय उद्योगपति परोपकारी शिक्षाविद् साहित्य,मीडिया प्रेमी, समाजसेवी के रूप में पहचान बनाने वाले नजीबाबाद का सितारा साहू शांति प्रसाद जैन 27 अक्टूबर 1977 को 66 वर्ष में अस्त हो गया। साहू शांति प्रसाद जैन के देश के विकास में उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए नजीबाबाद नगर पालिका परिषद ने मूर्ति देवी कन्या इंटर कालेज मार्ग का नामकरण साहू शांति प्रसाद जैन मार्ग के रूप में कर उन्हें सम्मान प्रदान किया। जबकि मध्यप्रदेश सरकार ने खुजराहों में साहू शांति प्रसाद जैन कला संग्रहालय स्थापित किया। साहू शांति प्रसाद जैन व श्रीयांश प्रसाद जैन की माता मूर्ति देवी ने अपने पति दीवान चन्द जैन की स्मृति में नजीबाबाद में राजकीय महिला चिकित्सालय स्थापना के लिए 1930 में बेशकीमती भूमि का दान किया था। साहू शांति प्रसाद जैन के बाद उनके पुत्र साहू अशोक कुमार जैन ने प्रबंध निदेशक के रूप में अपने कुशल नेतृत्व में उद्योग व मीडिया समूह को उच्चाई पर पहुंचाया। साहू जैन ट्रस्ट द्वारा आज भी नजीबाबाद की चार शिक्षण संस्थान को जरूरत पर आर्थिक मदद दी जाती है । बताते हैं साहू अशोक कुमार जैन नजीबाबाद में राष्ट्रीय स्तर का अंग्रेजी माध्यम स्कूल व आधुनिक सुविधायुक्त जैन धर्मशाला निर्माण कराना चाहते थे । बड़ा बजट उपलब्ध कराने के लिए सहमति देने के बाद भी स्थानीय प्रबंधन ने उन्हें गुमराह कर दिया जिससे नजीबाबाद दो बड़ी सुविधा से बंचित हो गया। साहू शांति प्रसाद जैन के पुस्तैनी आवास को साहू जैन ट्रस्ट को सोंपकर अतिथि गृह बनाया गया है। साहू अशोक कुमार जैन के निधन के बाद उनकी पत्नी इंदु जैन ने टाईम्स आफ इंडिया समूह के प्रबंध निदेशक के रूप में अपने कारोबार को उच्चाइयों तक पहुंचाया। वह भारत की कुशल महिला व्यवसायी के रूप में उभरी । भारत सरकार की ओर से राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इन्दू जैन को पद्म भूषण से सम्मानित किया। आज साहू शांति प्रसाद जैन के पौत्र व साहू अशोक कुमार जैन के पुत्र समीर जैन व विनीत जैन अपने परिवार की परम्परा को आगे बढ़ा रहे हैं। साहू शांति प्रसाद जैन के भाई साहू श्रीयांश प्रसाद जैन भी राज्य सभा के सदस्य,चैम्बर आफ कामर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रमुख कारोबारी के रूप में भारत सरकार से पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं। * प्रस्तुति मुकेश सिन्हा नजीबाबाद 9412669215
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