डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा

 



जन्म- 15 नवंबर 1964

जन्मस्थान -बिजनौर जनपद ,उत्तर प्रदेश 

कर्म स्थली- वापी , गुजरात 

पिता- स्व.श्री आदित्य नारायण मिश्र( बिजनौर में अधिवक्ता/नोटरी रहे, स्वयं भी कई पुस्तकों के रचयिता) माता- श्रीमती  रामदुलारी देवी (शिक्षित , संस्कारित , आध्यात्मिक भावों से परिपूर्ण गृहिणी हैं )(मूलत: जिला बिजनौर के ग्राम गोहावर के रहने वाले)

पति श्री अनिल कुमार शर्मा 

(जिला बिजनौर के ही ग्राम मोरना में स्व.पण्डित ओम प्रकाश शर्मा जी के सुपुत्र, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं )

भाई-बहिन - एक छोटी बहन एवम् दो छोटे भाई 

सन्तान - एक पुत्री, एक पुत्र

शिक्षा-

हाईस्कूल- आर्य कन्या इंटर कॉलेज बिजनौर (उ.प्र.)

इण्टरमीडिएट- राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, बिजनौर 

स्नातक- रानी भाग्यवती देवी महिला महाविद्यालय बिजनौर 

स्नातकोत्तर उपाधि (संस्कृत) - वर्धमान कॉलेज , बिजनौर , (विश्व विद्यालय में स्वर्ण-पदक प्राप्त )

पी-एच 0 डी0- रुहेलखण्ड विश्व विद्यालय बरेली (उ.प्र.)

शोध विषय : ‘श्री मूलशङ्करमाणिक्यलाल याज्ञिक की संस्कृत नाट्यकृतियों का नाट्यशास्त्रीय अध्ययन’ |


एम.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरान्त अपने ही वर्धमान कॉलेज बिजनौर में स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में अस्थायी प्रवक्ता के रूप में अध्यापन ।

'नेहरू मेमोरियल शिव नारायण दास स्नातकोत्तर महाविद्यालय में लगभग 1 वर्ष अध्यापन ।

उपरान्त पुन: वर्धमान कॉलेज में अध्यापन ।


2001 से वापी , गुजरात में निवास करते हुए सतत अध्ययन , अध्यापन एवं लेखन ।


प्रकाशन : एकल ‘ओस नहाई भोर’ (हाइकु-संग्रह) , ‘महकी कस्तूरी’ (दोहा संग्रह ) तथा  ‘तुमसे उजियारा है’ (माहिया संग्रह) प्रकाशित 


अन्य- ‘यादों के पाखी’(हाइकु-संग्रह ), ‘अलसाई चाँदनी’ (सेदोका –संग्रह ) एवं ‘उजास साथ रखना’ (चोका-संग्रह) , हिन्दी  हाइकु  प्रकृति-काव्यकोश, ,डॉ सुधा गुप्ता के हाइकु में प्रकृति ( अनुशीलनग्रन्थ), हाइकु-काव्यशिल्प एवं अनुभूति ,आधी आबादी का आकाश (हाइकु संग्रह) कविता अनवरत -3 तथा समकालीन दोहा कोश ,गुलशने ग़ज़ल ,पगध्वनि ,  हाइकु व्योम , अनुभूति के इन्द्रधनुष, पीर भरा दरिया , कुण्डलिया संचयन तथा कविता अभिराम , मेरी पसंद , गीले आखर (चोका-संग्रह) , स्वप्न-शृँखला (हाइकु-संग्रह), झरा प्यार-निर्झर (ताँका-संग्रह)आदि संपादित ग्रंथों में अन्य रचनाकारों के साथ रचनाएँ, लेख प्रकाशित | ‘सतीशराज पुष्करणा जी की 66 लघुकथाएँ और उनकी पड़ताल’ पुस्तक में अन्य लेखकों के साथ 66 लघुकथाओं पर समीक्षात्मक लेख | 


पीर भरा दरिया (माहिया-संगरह) का संयोजन तथा झरा प्यार-निर्झर (ताँका-संग्रह) का सह सम्पादन । कुछ समय आस्ट्रेलिया से प्रकाशित 'हिन्दी चेतना' के सम्पादन मंडल में रही ।


विविध राष्ट्रीय,अंतर्राष्ट्रीय (अंतर्जाल पर भी )पत्र-पत्रिकाओं ,ब्लॉग पर  यथा – हिंदी चेतना,गर्भनाल ,अनुभूति ,अविराम साहित्यिकी ,रचनाकार ,समृद्ध सुखी परिवार ,सादर इंडिया ,उदंती ,लेखनी , शोध दिशा ,लोकमत ,राजभाषा आश्रम सौरभ  , यादें ,सरिता ,अभिनव इमरोज़ ,सहज साहित्य ,त्रिवेणी ,हिंदी हाइकु ,लघुकथा.कॉम ,साहित्य कुञ्ज ,विधान केसरी ,प्रभात केसरी ,नूतन भाषा-सेतु, नेवा: हाइकु , सरस्वती सुमन , अम्स्टेल गंगा ,जय विजय ,आधुनिक साहित्य,अभिनव प्रत्यक्ष , राष्ट्रीय मयूर ,बाल किलकारी , अभिनव बालमन , पुस्तक संस्कृति एवं गगनांचल आदि पत्र-पत्रिकाओं में हाइकु, सेदोका, ताँका, चोका ,गीत, नवगीत , माहिया, दोहा ,मुक्तक ,कुंडलिया,घनाक्षरी ,ग़ज़ल ,बाल कविताएँ ,समीक्षा ,लेख ,क्षणिका आदि विविध विधाओं में अनवरत प्रकाशन | 

अनेक सांस्कृतिक , साहित्यिक समूहों से जुड़कर विविध गतिविधियों में निरन्तर सक्रियता । 'वागीशा' नाम से महिलाओं के ग्रुप की संस्थापक। वापी काव्य मंच एवं महिला काव्य मंच वापी, गुजरात (मकाम) की संस्थापक सदस्य । समय-समय पर अपने समूह के साथ कंस्ट्रक्शन स्थल पर जाकर श्रमिकों के बच्चों को अक्षर ज्ञान ,स्वच्छता , नैतिकता, जीवनोपयोगी विषयों की जानकारी देना ।


ब्लॉग : jyotirmaykalash.blogspot.in 


सम्प्रति :  अध्ययन ,अध्यापन , स्वतन्त्र लेखन


सम्पर्क  : एच-604 ,प्रमुख हिल्स ,छरवाडा रोड , वापी , जिला- वलसाड , गुजरात (भारत ) 396191


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Mo.  9824321053 

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